THE SMART TRICK OF SHIVA CHALISA LYRICS THAT NO ONE IS DISCUSSING

The smart Trick of shiva chalisa lyrics That No One is Discussing

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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।

तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

O Lord, the beloved daughter of Maina in your left adds on your splendid visual appeal. O Wearer of your lion’s skin, the trishul within your hand read more destroys all enemies.

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

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